सन्देश
इस विद्यालय में कार्यरत प्रधानाचार्य, शिक्षकों, भविष्णु छात्रों एवं राज्य के संस्कृत, संस्कृति के प्रति अनुराग रखने वाले बन्धु-बान्धुवों से मेरा साग्रह विनम्र अनुरोध है कि हम अपने पुरूषार्थ, परिश्रम, योग्यता एवं साधना से संस्कृत की पताका की सर्वोच्च शिखर पर सुप्रतिष्ठित कर सकें।
डॉ0 भगवान प्रसाद त्रिपाठी
प्रबन्धक
पूर्व प्राचार्य शिशु संस्कृत महाविद्यालय
वीरसिंहपुर सरैया सया अम्बेडकरनगर